Sunday, 8 September 2013

ulajhte sambandh toot te rishte

उलझते सम्बन्ध- टुटते रिस्ते
बहु-सास के खेल में
मां – बेटी की हो रही जीत ,
इन रिस्तों के प्रकरण में
फंसा हुआ नादान अजित (पति)

मां सपने दिखलाती बेटी को
तुझे ऐसा वर दिलवाउंगी ,
वर भरेगा पानी तेरा
ऐसी घुट्टी  पिलवाऊंगी  ।

संस्कारों की कमी है मुझमें
मै तुम्हें नही दे पाउंगी ,
पापा को गिरवी रखवाकर
तुम्हें स्विफ्ट कार दिलवाउंगी ।

सास –ससुर तेरे रहे पास न
मै ऐसी तरकीब लगाउंगी ,
दुरभाष (मोबाइल) से रोज समझाकर
उन मां बेटे को लड्वाउंगी ।

रिस्ता तेरा ऐसा ढुंडुगी
जहां पति अकेला हो ,
पूरा वेतन हाथ पर रख दे
जाते ही तू महारानी हो ।

   इस कलयुगी मां को क्या हो गया,जो देती बेटी को ऐसी सीख ,
   सोचो लोकेश ,जब यह सास बनेगी ,माँगेगी बहु से रोटी की भीख

लोकेश चौहान ।