काला दिवस
The Night of
4-6-2011
आज देश का क्या हाल हो गया
नेता बन गये व्याभिचारी ,
शान्तिपुर्ण अनशन पर बैठे
पीटे गये अहिन्सक सदाचारी ।
रात एक बजे हमला करवाकर
उडाई लोकतन्त्र की खिल्ली ,
सन्तों के इस देश में
जगह थी वह राजधानी दिल्ली ।
मनमोहन जी की सरकार को
करता कन्ट्रोल रिमोट ,
नादिरशाही फ़रमान जारी कराकर
पहुँचाई लोकतंत्र पर गहरी चोट ।
सरकार की इस कार्यवाही पर
खुश होंगे भ्रष्टाचारी,
पूरा देश देखता रह गया
मनमोहन सिंह जी की लाचारी ।
भ्रष्टाचार से लिप्त हैं
क्या राजा, कलमाडी या कनिमोडी,
सबने जनता का धन लूटकर
महंगाई से जनता की कमर तोडी ।
सुभाष, चन्द्रशेखर भगत सिंह जैसे वीर
हो गए इस धरती पर कुर्बान,
सच्चाई और आजादी के लिए
इस देश को दे दी तोहफे मे जान ।
महात्मा गांधी ने देश के लिए
माँगी थी क्या ऐसी आजादी ?
नेता और प्रशासक बनेगें भ्रष्ट
करेगें ऐसी धन की बर्बादी ।
इस देश को क्या हो गया
क्यों करते कुर्सी पर नाज,
यह वही राम का देश है ?
जहाँ सत्ता पर कर गए खडाऊ, राज ।